परिस्थितियाँ:दीपक सरकार, जो कि स्थानीय सरकार को सामग्री और काम के लिए संविदानुसार सेवाएं प्रदान करते हैं, ने GST अधिनियम के तहत राजस्व विभाग के खिलाफ एक अपीलीय आदेश का विरोध किया है।

परिस्थितियाँ: दीपक सरकार, जो कि स्थानीय सरकार को सामग्री और काम के लिए संविदानुसार सेवाएं प्रदान करते हैं, ने GST अधिनियम के तहत राजस्व विभाग के खिलाफ एक अपीलीय आदेश का विरोध किया है।

 à¤µà¤¾à¤¦à¥€ का तर्क: वादी ने कहा कि उनका संविदान के खिलाफ अपीलीय आदेश गलत है क्योंकि GST के तहत उन्हें भुगतान करने के लिए कोई निर्दिष्ट निर्देश नहीं है जो GST के लागू होने से पहले दी गई काम की परियोजनाओं के साथ संबंधित हो।

उत्तरदाता का तर्क: उत्तरदाता ने कहा कि संविदान 2018 में हस्ताक्षर किया गया था और काम का पूर्णता प्रमाणपत्र 2023 में जारी किया गया था, इसलिए उन्हें GST के लागू होने से पहले दी गई परियोजनाओं के प्रावधान का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है।

विषय:क्या वादी को GST का भुगतान करना होगा जिसे GST अधिनियम के अनुसार GST के लागू होने से पहले दी गई कामों के लिए मिले हैं?

निर्णय:  सभी भुगतान GST के अधीन होते हैं, जिसे GST के लागू होने के बाद वादी को करना होता है, और आवश्यक फॉर्म जमा करने के बाद कर जमा करना होता है।

नए निर्णय का महत्व:  यह निर्णय GST के लागू होने से पहले किए गए कामों के संबंध में नए नियमों की महत्वपूर्ण रूप से स्थापिति करता है, जिससे व

समाप्ति:   इसलिए, कोलकाता हाईकोर्ट ने व्रित्तपत्र को खारिज किया है और वादी को लगाए गए GST के भुगतान के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

समाप्ति:  इसलिए, कोलकाता हाईकोर्ट ने व्रित्तपत्र को खारिज किया है और वादी को लगाए गए GST के भुगतान के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

निर्णय: कोलकाता हाईकोर्ट ने मान्यता दी कि अपीलीय आदेश तर्कसमृद्ध है और इसमें कोई कानूनी त्रुटि नहीं है।